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2017 में 8 साल में सबसे कम बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली: नोटबंदी का असर आपकी सैलरी इंक्रीमेंट
पर इस साल पड़ाता दिख सकता है। एक सर्वे रिपोर्ट
की मानें तो साल 2017 में कंपनियां सैलरी इंक्रीमेंट
योजना को ठंडे बस्ते में डाल सकती है।

एऑन हेविट की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी का
असर इस साल कर्मचारियों की सैलरी इंक्रीमेंट पर भी
पड़ेगा और सैलरी में बढ़ोतरी की आस लगाए
कर्मचारियों को झटका मिलने की संभावना है।

ग्लोबल जॉब कंसल्टेंट एऑन हेविट के इस सर्वे में
बताया गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल
कम सैलरी बढ़ेगी और वित्त वर्ष 2017 में लोगों की
सैलरी में औसतन कुल 9.5% की ही बढ़ोतरी होगी।
जबकि वित्त वर्ष में सैलरी में 10.2% का इज़ाफा
हुआ था और वित्त वर्ष 2015 में यह आंकड़ा
10.6% था।

इस हिसाब से इस वित्त वर्ष 2017 में सैलरी
इंक्रीमेंट काफी कम दर से होगा। एऑन हेविट के सर्वे
के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 में कंज्यूमर इंटरनेट
सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी में सबसे ज्यादा
इज़ाफा होने का अनुमान है।

कंज्यूमर, इंटरनेट सेक्टर में करीब 12.4% की दर से
सैलरी बढ़ने की संभावना है। वहीं, लाइफ साइंसेज
सेक्टर में 11.3% की दर से तो प्रोफेशनल सर्विसेज
सेक्टर में 10.9%, केमिकल सेक्टर में 10.3%,
एंटरटेनमेंट मीडिया में 10.3%, ऑटोमोटिव सेक्टर में
10.3%, कंज्यूमर प्रोटेक्ट सेक्टर में 10.2%, की
दर से सैलरी बढ़ने का अनुमान है।

जबकि इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.9%,
आईटीईएस सर्विसेस में 9.9% और आईटी सेक्टर में
9.7% की सैलरी बढ़ सकती है। एऑन हेविट ने इसके
पीछे वजह नोटबंदी को बताया है। हालांकि इसका असर
टॉप लेवल एक्जीक्यूटिव्स पर नहीं होगा।

पिछले साल के मुकाबले इस बार सैलरी दर में 1
प्रतिशत की गिरावट होने की संभावना है। हालांकि सर्वे
ने कहा है कि आईटी सेक्टर पर ट्रंप नीति के असर का
अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन इस समय किसी भी
इंडस्ट्री में ज्यादा नौकरी की संभावनाएं नहीं नज़र आ
रही है। सैलरी इन्क्रीमेंट में नोटबंदी का सबसे ज्यादा
असर रहने वाला है।

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