जबलपुर: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालक अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री जस्टिस राजेन्द्र मेनन के मार्गदर्शन में प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला/तालुका न्यायालयों में 11 फरवरी को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री भारत भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि 11 फरवरी को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में चिन्हित किए गए लम्बित प्रकरण निम्नानुसार हैं- आपराधिक शमनीय प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अन्तर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी सम्बन्धी मामले, एमएसीटी प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, विद्युत एवं जल कर तथा बिजली चोरी सहित शमनीय प्रकरण, सेवानिवृत्ति सम्बन्धी लाभों से जुड़े सेवा मामले तथा दीवानी मामले।
इनके अलावा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अन्तर्गत, बैंक रिकवरी, श्रम विवाद तथा जल या विद्युत कर चोरी सम्बन्धी मामले भी नेशनल लोक अदालत में रखे जाएंगे जिनमें पक्षकार सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रयास कर सकेंगे।
पक्षकारों से की अपील
सदस्य सचिव श्री श्रीवास्तव ने पक्षकारों से अपील की है कि यदि उनका प्रकरण किसी भी न्यायालय में लम्बित है अथवा प्रीलिटिगेशन स्तर पर है और वे 11 फरवरी की लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण कराना चाहते हैं तो वे सम्बन्धित न्यायालय की खण्डपीठ के समक्ष प्रकरण के आपसी समझौते से निराकरण के लिए अपनी सहमति प्रदान करें।
अब तक 4 लाख 63 हजार प्रकरण रैफर किए गए
श्री श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 11 फरवरी को सम्पन्न होने वाली नेशनल लोक अदालत के लिए अब तक विभिन्न प्रकृति के 4 लाख 63 हजार 722 राजीनामा योग्य प्रकरणों को निराकरण के लिए प्रस्तुत (रैफर्ड) किया जा चुका है। इनमें से बड़ी संख्या में प्रकरणों का निराकरण होने की संभावना है।
पक्षकार 10 फरवरी को कर सकते हैं पहल
बिजली बिल, जल कर, सम्पत्ति कर अथवा अन्य प्रकार के समझौता योग्य विवादों का लोक अदालत में निराकरण कराने के इच्छुक पक्षकार सम्बन्धित विभाग/न्यायालय अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही 10 फरवरी तक ही पूरी करा सकते हैं। ऐसा करने से मामले का 11 फरवरी की लोक अदालत में सुविधापूर्ण ढंग से निराकरण किया जा सकेगा।
11 फरवरी के बाद नहीं मिलेगी छूट
उल्लेखनीय है कि विद्युत विभाग, नगर निगम तथा बैंक आदि विभागों द्वारा 11 फरवरी की नेशनल लोक अदालत के लिए प्रस्तावित की गई छूट 11 फरवरी के बाद समाप्त हो जाएगी। अतएव अधिक से अधिक संख्या में पक्षकार इस लोक अदालत में लाभ प्राप्त करें।
न किसी की हार, न किसी की जीत
सदस्य सचिव श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लोक अदालत ही एक ऐसा माध्यम है जिसमें न तो किसी पक्षकार की हार होती है और न किसी पक्षकार की जीत। दरअसल लोक अदालत में मामले के निराकरण से दोनों ही पक्षकार जीतते हैं और उन्हें शीघ्र, सुलभ व सस्ता न्याय प्राप्त होता है।
सदस्य सचिव ने समस्त पक्षकारों से अपील की है कि वे अपने मामलों के निराकरण के लिए 11 फरवरी की लोक अदालत में उपस्थित होकर इसे सफल बनाएं।