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विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर की अलग ही चमत्कारिक कहानी।

​इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर की अलग ही चमत्कारिक कहानी है। मान्यता है कि मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु जो भी कामना लेकर आते हैं, वह पूर्ण होती हैं। भक्तों की मन्नत पूर्ण होने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है, भक्त मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाते हैं। खजराना मंदिर के भगवान गणेश ने मंदिर निर्माण के लिए स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को सपने में दिखी थी। इसी सपने के बारे में उन्होंने सभी को बताया। इसके बाद रानी अहिल्या बाई होलकर ने इस स्वप्न को गंभीरता से लिया और पंडित की बताई जगह पर खुदाई करवाई। इसके बाद पंडित द्वारा बताई जगह पर ही भगवान गणेश की प्रतिमा मिली। इसके बाद यहां भव्य मंदिर की स्थापना की गई। जो आज विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर के रूप में पहचाना जाता है। जिस जगह भगवान गणेश की प्रतिमा निकली थी, वह स्थान आज भी मंदिर परिसर में संरक्षित है। इस स्थान पर एक जलकुंड है, भक्त इस जलकुंड के भी दर्शन करते हैं। 

होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था निर्माण मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और मंदिर की दीवाल में धागा बांधते हैं। ऐसे हुई थी खजराना गणेश की स्थापना इस मंदिर में स्थित प्राचीन के बारे में कहते हैं यह प्रतिमा एक स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को सपने में दिखी थी। इसी सपने के बाद रानी अहिल्या बाई होलकर ने खुदाई कर जमीन के नीचे मूर्ति निकलवाई और स्थापित करवाया। जहां से प्रतिमा निकाली गई थी वहां एक जलकुंड है, जो मंदिर के ठीक सामने है। बुधवार का है विशेष महत्व वैसे तो भगवान गणेश की पूजा- अर्चना हर शुभ कार्य करने से पहले की जाती हैं, लेकिन खजराना गणेश मंदिर में भक्तों की सबसे अधिक भीड़ बुधवार को होती है। बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। इस दिन यहां विशेष आरती आयोजित की जाती है।

यहां क्लिक कर करें खजराना गणेश मंदिर के लाइव दर्शन-http://www.shreeganeshkhajrana.com/

सबसे धनी मंदिर में नाम

खजराना गणेश मंदिर का नाम सबसे धनी मंदिरों में भी लिया जाता है। दरअसल यहां भक्तों की मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं। इसलिए भक्त भगवान गणेश के दरबार में मन खोलकर चढ़ावा चढ़ाते हैं। खजराना गणेश मंदिर की चल और अचल संपत्ति बेहिसाब है। मंदिर में हैं 33 मंदिर खजराना गणेश मंदिर परिसर में अलग-अलग भगवान के छोटे-बड़े 33 मंदिर हैं। इन मंदिरों में भक्त अनेक देवी-देवताओं की आराधना करते हैं। मंदिर परिसर में ही एक पीपल का पेड़ भी है। इस पेड़ के बारे में मान्यता है कि यहां भी मनोकामना पूर्ण होती है।

[Journalist Shailesh Dubey ]

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