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नदियों के जल को जीवित इकाई के रूप में मान्यता मिलेगी

मण्डला। प्रदेश सरकार जल के संरक्षण और संवर्द्धन के लिये संकल्पित है। मध्य प्रदेश सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर नदियों के जल को जीवित इकाई के रूप में मान्यता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नर्मदा सेवा यात्रा के तहत आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। पेयजल, सिंचाई एवं बिजली के लिये समूचा प्रदेश नर्मदा पर निर्भर है। नदियों के जल स्तर में हो रही कमी चिंतनीय है, पर्यावरण संरक्षण के लिये सरकार हरसंभव कदम उठायेगी। प्रकृति के संरक्षण के लिये सरकार के साथ समाज की सहभागिता आवश्यक है। नर्मदा के जल स्रोत वृक्षों पर निर्भर हैं अतः नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर लगभग 1100 किमी पर दोनों ओर फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाये जायेंगे। आगामी 2 जुलाई को पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ करोड़ों वृक्ष लगाये जायेंगे। दूषित पानी को नर्मदा में मिलने से रोकने के लिये सीवर प्लांट लगाये जायेंगे। नालियों के दूषित पानी की दिशा बदलकर उसे खेतों में छोड़ा जायेगा। उन्होंने आव्हान किया कि नदियो में प्लास्टिक की सामग्री, मूर्तियां एवं निर्माल्य आदि प्रवाहित नहीं करें। बेटी बचाओ, नषा बंदी, जैविक कृषि, षिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर भारत सरकार के केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा मध्य प्रदेश सरकार की ऐसी पहल है जिसने समूचे विश्व का ध्यान केन्द्रित किया है। यह यात्रा जनचेतना के लिये अब तक किये गये सभी अभियानों में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यात्रा का सराहनीय पक्ष यह है कि इसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ सामाजिक सरोकार की भी चिंता की गई है। नमामि गंगे अभियान का उल्लेख करते हुये केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश की सभी नदियों को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है जिसके लिये 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है।

जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा को व्यापक जन समर्थन प्राप्त हो रहा है जिसे बेहतर भविष्य के संकेत के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। यात्रा के दौरान जन सामान्य को जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर जानकारी देते हुये इनके संरक्षण के लिये प्रेरित किया जाता है। इस अवसर पर मण्डला जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय पाठक, म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिवराज शाह, गौ संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद, साध्वी प्रज्ञा भारती, संत अतुल कृष्ण जी महाराज, म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष श्री अवधेश नायक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति सम्पतिया उइके, विधायक निवास श्री रामप्यारे कुलस्ते, विधायक बिछिया श्री पंडित सिंह धुर्वे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कन्या पूजन से प्रारंभ हुये इस कार्यक्रम में उपस्थित समुदाय को जल संरक्षण का संकल्प दिलाया गया।

इससे पूर्व नर्मदा सेवा यात्रा ग्राम ग्वारी से प्रारंभ हुई जो फूलसागर, गाजीपुर, तिंदनी, कटरा, बिंझिया आदि ग्रामों से होते हुये मण्डला नगर पहुंची। मण्डला नगर में विभिन्न स्थानों पर यात्रा का गर्भजोशी से स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, रोजगार निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री बी डी शर्मा, साध्वी योगमाया, नगर पालिका अध्यक्ष अनिल बाबा मिश्रा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रतन ठाकुर, कृषि उपज मंडी बिछिया के अध्यक्ष श्री सुनील नामदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में जन समुदाय उपस्थित रहा।

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह और सपत्नीक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की महाआरती

‘‘नमामि देवि नर्मदे’ नर्मदा सेवा यात्रा के 128 वें दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक श्रीमति साधना सिंह और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह रपटा घाट में मॉ नर्मदा की महाआरती में सम्मिलित हुये।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से प्रारंभ नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के माध्यम से मॉ नर्मदा से प्रार्थना है कि सभी व्यक्ति सुखी और स्वस्थ हों। उन्होंने कहा कि मॉ नर्मदा देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को शक्ति प्रदान करे ताकि देश से आतंकवाद समाप्त कर सकें। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि पूजन के नाम पर फूल एवं अन्य सामग्री नर्मदा जल में प्रवाहित कर नर्मदा जल को प्रदूषित नहीं करें। नर्मदा के निर्मल प्रवाह को अनवरत बनाये रखने के लिये दोनों तटों पर वृक्षारोपण किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा की स्वच्छता के लिये समाज को आगे आना चाहिये। उनकी मदद के लिये उनके पीछे सरकार खडी है। सबके सहयोग से नर्मदा को स्वच्छ बनाने का प्रयास होगा।

आरती के पूर्व महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी के नेतृत्व में पंडितों के द्वारा स्वस्ति वाचन एवं मंत्रों के साथ नर्मदाष्टक एवं नर्मदा आरती की गई। इस अवसर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, मण्डला जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय पाठक, आदिवासी वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिवराज शाह सहित अनेक जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालू उपस्थित रहे।

‘‘नमामि देवि नर्मदे’’ सेवा यात्रा 2017

178 देशों में पहुंच रही है नर्मदा यात्रा की अनुगंूज

‘‘नमामि देवि नर्मदे’’ सेवा यात्रा की अनुगंूज देश के कोने कोने के साथ ही 178 देशों में भी पहुंच रही है। विश्व के पर्यावरण ,जीव जंतु, गौ वंश, मृदा, कृषि, जल वैज्ञानिक नर्मदा यात्रा को सतत समर्थन दे रहे है। साधु संत, समाज, शासन की त्रिवेणी का अनुपम संगम यात्रा, नर्मदा तट पर पौधरोपण, शुचिता, स्वच्छता, नशा मुक्ति, बेटी बचाओं, नदी गौ संरक्षण, कन्या भ्रूण हत्या, जैविक खेती आदि उद्देश्यों के साथ प्रभावी छाप छोडती चल रही है। यह बात राज्य गौ पालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष और राज्य नर्मदा सेवा समिति के सदस्य महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने मण्डला जिले के ग्राम तिंदनी में सेवा यात्रा पहुंचने पर हुए जनसंवाद में कही।

कार्यक्रम में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, रोजगार निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख, पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष श्री अवधेश नायक, साध्वी योगमाया, साध्वी प्रज्ञा भी मौजूद थे। ग्वारी गांव से तिंदनी पहुंचने पर श्रीमति ग्यारसी देवी ने कलश और जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा ने ध्वज ग्रहण कर बहुसंख्य कलश धारक महिलाओं और कन्याओं के साथ स्वागत किया। 11 दिसम्बर 2016 से शुरू यात्रा का आज 127 वां दिन है।

मनुष्य ही नही नदियों की भी जीवनदायिनी है मंा नर्मदाः-

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि बिजली, अन्न जल देने के साथ मंा नर्मदा आज नदियों को पुनर्जिवित भी कर रही है। गुजरात एवं मध्यप्रदेश में करोंडो लोगों को पेयजल, किसानों को सिंचाई और उद्योगों को बिजली देने वाली नर्मदा आज क्षिप्रा, गंभीर, पार्वती,खान,साबरमती आदि नदियों को पुनर्जिवित कर रही है। नर्मदा पुराण में महर्षि वेद व्यास ने लिखा है कि कलयुग में कई नदियां अपना अस्तित्व खो देंगी जिन्हे नर्मदा जीवन दान देगी।

गंगा से प्राचीन है नर्मदाः-

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि गंगा का अवतरण त्रेतायुग और नर्मदा का अर्विभाव सतयुग में हुआ। नारायण के वरदान के अनुसार गंगा सहित सभी तीर्थ पापियों के स्नान से हुए कलुष को धोने नर्मदा में आते है। इसलिए नर्मदा परिक्रमा में सभी तीर्थो का फल प्राप्त होता है। साल में एक बार गंगा स्वयं नर्मदा मंे स्नान करने आती है और धवल होकर लौटती है गंगा की भांति नर्मदा का जल भी औषधीय गुणों से भरपूर है।

ग्राम तिंदनी में पहुंचने पर स्कूली बच्चों के आकर्षक लोकनृत्य ने लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामवासी, महिलाओं, बच्चों और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नर्मदे हर जयघोष के साथ नर्मदा नदी और तट को संरक्षित करने का संकल्प लिया।

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