नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने नोटबंदी के बाद गलत काम करने वाले
भ्रष्ट लोगों को बेनकाब करने के लिए जनता
के समर्थन की सराहना की। उन्होंने रविवार
को वादा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ
जारी सरकार के धर्मयुद्ध के हिस्से के तहत
बेनामी संपत्तियों से निपटने के लिए बने
कानून पर अमल कराया जाएगा।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की
बात’ में कहा, “आप हमारे देश में संभवत:
बेनामी संपत्ति से जुड़े कानून के बारे में जानते
होंगे। यह कानून 1988 में बना था, लेकिन
इसके किसी भी नियम को न तो कभी बनाया
गया और न ही इसकी कोई अधिसूचना जारी
हुई। इसे निष्क्रिय छोड़ दिया गया।”
उन्होंने कहा, “हमलोगों ने इसे खोज निकाला है
और बेनामी संपत्ति के खिलाफ सख्त कानून
के रूप में बदला है। आने वाले दिनों में यह
कानून भी काम करने लगेगा।” प्रधानमंत्री ने
कुछ ‘ऐसे लोगों का भी उल्लेख किया जो
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लड़ाई के
जवाब में नए-नए तरीके और उपाय’ ढूंढ रहे
हैं।
उन्होंने कहा, “हर दिन बहुत सारे नए लोग
हिरासत में लिए जा रहे हैं। नोट जब्त किए जा
रहे हैं, छापेमारी की जा रही है। प्रभावशाली
लोग पकड़े जा रहे हैं। इसका (कामयाबी का)
राज यह है कि मुझे ऐसी सूचनाएं देने वाले लोग
खुद हैं।” उन्होंने कहा, “आम नागरियों से
मिलने वाली सूचनाएं सरकारी तंत्र के जरिए
मिलने वाली सूचनाओं से कई गुणा ज्यादा हैं।”
नोटबंदी के बाद बार-बार नियमों में बदलाव
का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “एक
संवेदनशील सरकार होने के नाते जरूरत के
मुताबिक नियमों को बदलती है। जनता की
सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है
ताकि जनता को किसी तरह की तकलीफ नहीं
हो।” उन्होंने कहा कि इस तरह के घृणित
कामों का मुकाबला करने के लिए हम लोगों को
भी नए उचित जवाब और विषनाशक उपाय
करने होंगे। जब विरोध वाले नई तरकीबें
निकालने की कोशिश करेंगे तो हमें उसका
जवाब सख्ती से देना होगा क्योंकि हमलोगों
ने भ्रष्टाचार, संदेहपूर्ण काम और काले धन
को जड़ से खत्म कर देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं
कि राजनीतिक दलों को विभिन्न तरह की
रियायतें एवं छूट मिली हुई हैं, यह गलत है।
मोदी ने कहा, “कानून सब पर एक समान लागू
होता है। चाहे कोई व्यक्ति हो या संगठन या
राजनीतिक दल, सभी को कानून का पालन
करना है और सभी को करना होगा।”
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