नई दिल्ली: नए साल के साथ मोदी सरकार को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। हालिया विवाद में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार निशाने पर है।हैरानी की बात तो ये है कि इस बार ये विवाद किसी जीवित गांधी नहीं बल्कि बापू गांधी के साथ हुआ है। दरअसल, इस साल की खादी ग्राम डायरी औरकैलेंडर से मोदी सरकार ने महात्मा गांधी को हटा पीएम मोदी की चरखा चलाते हुए तस्वीर लगा दी है।
मोदी सरकार के इस फैसले से स्वयं खादी ग्राम
उद्दोग के कर्मचारी भी खुश नहीं हैं। उन्होंने अलग-
अलग ढंग से अपना विरोध दर्ज करवाया है। खादी
ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर से महात्मा गांधी की
तस्वीर गायब होने से नाराज इसके कर्मचारियों के एक
हिस्से ने विरोध प्रदर्शन किया और जानना चाहा कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के
दौरान राष्ट्रपिता की तस्वीर क्यों नहीं प्रकाशित की
गई। संक्षिप्त प्रदर्शन में केवीआईसी से जुड़े दर्जनों
श्रमिक उपनगरीय विले पारले पर जमा हुए और उन्होंने
कहा कि वे इस मुद्दे को इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि
गांधी खादी आंदोलन के पीछे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक
शक्ति रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, हम डायरी और
कैलेंडर में मोदीजी की तस्वीर शामिल करने के खिलाफ
नहीं हैं, लेकिन गांधीजी की तस्वीर नहीं पाकर हम दुखी
हैं। हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि क्यों गांधीजी को
यहां स्थान नहीं दिया गया है। क्या गांधीजी खादी
उद्योग के लिए अब प्रासंगिक नहीं रहे।प्रदर्शनकारियों ने गांधीजी की तस्वीरों के साथ फिर से
कैलेंडर प्रकाशित करने की मांग की। आयोग के एक
वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि, इस मुद्दे को तरजीह नहीं
दी।महात्मा गांधी के परपौत्र ने इस मामले को लेकर अपना
विरोध दर्ज कराते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि
पीएम मोदी को KYIC को बंद कर देना चाहिए क्योंकि
वैसे भी खादी के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किए
जा रहे हैं। बापू की खादी से ये खादी बिल्कुल अलग है
और गरीबों की पहुंच से दूर भी।