भोपाल : वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जयंत मलैया ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में प्रदेश के हितों का पूरा-पूरा ख्याल रखा गया है। एक जुलाई से लागू होने वाले जी.एस.टी. के लिये प्रदेश में सभी आवश्यक तैयारियाँ कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद आर्थिक क्षेत्र में जी.एस.टी. कानून सबसे बड़ा बदलाव है। श्री मलैया ने कहा कि जी.एस.टी. देश के संघीय ढाँचे का सबसे बेहतर उदाहरण है। वित्त मंत्री श्री मलैया आज भोपाल के रवीन्द्र भवन में जी.एस.टी. पर हुए सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। सेमीनार में प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्री मनोज श्रीवास्तव, आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री राघवेन्द्र सिंह और कर सलाहकार मौजूद थे।
वित्त मंत्री श्री मलैया ने कहा कि जी.एस.टी. में पिछले 17 वर्ष में लम्बी चर्चा हुई है। अब तक लिये गये निर्णय सर्वसम्मति से ही हुए हैं। जी.एस.टी. काउंसिल में केन्द्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने आम जनता के हितों का ख्याल रखते हुए निर्णय लिये हैं। उन्होंने कहा िक जी.एस.टी. से महँगाई नहीं बढ़ेगी। जी.एस.टी. में कर की दरें तय करते समय वस्तुओं को अलग-अलग वर्गों में बाँटा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. से कर व्यवस्था का सरलीकरण होगा और करों में होने वाली चोरी को पूरी तरह से रोका जा सकेगा।
प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश की व्यवस्था को वहाँ की कर प्रणाली काफी हद तक प्रभावित करती है। इसके उदाहरण इतिहास में देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक-देश एक कर व्यवस्था से देश में तरक्की की रफ्तार और तेज होगी।
आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में जी.एस.टी. को समझने के लिये प्रदेश के छोटे-छोटे स्थानों पर सेमीनार हुए हैं। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. को प्रत्येक व्यवसायी समझे और इसकी जानकारी आम जनता को दी जाये। सेमीनार को श्री अनूप श्रीवास्तव, एडिशनल कमिश्नर कस्टम श्री आर.एस. माहेश्वरी, सी.ए. श्री एस.कृष्णन ने भी संबोधित किया।
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