21 दिन में 27 साल के निखिल ने बनाया BHIM
जैसे ही 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने की वैसे ही पैसे को लेकर हाहाकार मच गया. बितते वक्त में जब कुछ बात ना बनी तो प्रधानमंत्री ने डिजिटल पेमेंट का आइडिया सुझाया. उसी समय 30 दिसंबर 2016 को BHIM ऐप का जन्म हूआ. जिसे अब तक 15 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे किसने बनाया और कितने समय में बनाया. अगर नहीं तो आपको बता दें कि इस ऐप को 27 साल के निखिल कुमार (हेड ऑफ डेवलपर इकोसिस्टम, इंडिया स्टैक) और उनकी टीम ने केवल तीन हफ्तों में पूरी तरह बनाकर सरकार को पेश कर दिया था.
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 मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जब डिजिटल होने के बारे में सोंचा तब USSD और UPI का विकल्प मौजूद था. लेकिन पीएम को ये समझ आ गया कि ऐेसे शब्द लोगों के मन में कन्फ्यूजन पैदा करते हैं और एक आसान पेमेंट मेथड की जरुरत है. तब नवंबर के आखिरी हफ्ते में ऐप के बारे में प्लानिंग की गई और यही BHIM के जन्म का कारण बना.
 जब सरकार की तरफ से ऐप को पूरी तरह बनाने के समय के बारे में निखिल और उनकी टीम से में पूछा गया तो निखिल ने जवाब में कहा कि चलो इसे तीन हफ्तों में बनाया जाए. शुरुआत में इसको लेकर सरकारी अम्ले में तीन हफ्ते को तीन साल मान लेने की वजह से थोड़ा कन्फ्यूजन हो गया था.
 निखिल ने बंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हूए बताया कि पहले हफ्ते में हमने ऐप की डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग जैसे काम किए बाकी दो हफ्ते में ऐप को डेवेलप किया गया. आखिरकार 25 दिसंबर को निखिल की टीम ने BHIM को PMO और नीती आयोग के सामने पेश कर दिया.
 उन दिनों को याद करते हुए निखिल बताते हैं कि हम सभी बहुत उत्साहित थे, नीती आयोग के IT सेक्रेटरी बदल कर आयोग के CEO बनने जा रहे थे. उनका कहना था कि ये गेम चेजिंग होगा, हमें ऐप को ड्रामैटिकली लॉन्च करना होगा. सबसे मजेदार बात ये थी कि BHIM नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था. ऐप को बनाने वाली टीम मेंबर्स की औसत उम्र 24-27 वर्ष के बीच थी और निखिल उनके टीम हेड थे
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