मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर शहीद स्मारक में आयोजित किये जाने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन को लेकर आज जिले के सभी स्थानीय निकायों के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। बैठक में कलेक्टर भरत यादव ने इस सम्मेलन के वृहद स्तर पर आयोजन के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ्करने के निर्देश दिये हैं।
श्री यादव ने बैठक में जिले की सभी जनपद पंचायतों के सीईओ और नगरीय निकायों के सीएमओ को लक्ष्य निर्धारित कर विवाह योग्य युवक-युवतियों को चिन्हित करने तीन-चार ग्राम पंचायतों का समूह बनाकर परिचय सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिये। श्री यादव ने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए इसमें सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी और उन्हें जिम्मेदारियां भी देनी होगी। यदि संगठन परिणय सूत्र में बंधने वाले जोड़ों को अपनी ओर से उपहार देने की इच्छा व्यक्त करते हैं तो ऐसे संगठनों को सामग्री की सूची भी उपलब्ध कराई जाये।
कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह के पवित्र उद्देश्य से आयोजित किये जा रहे इस सम्मेलन को व्यवस्थित और वृहद आयोजन के लिए व्यक्तिगत रूप से रूचि लेने आपस में समन्वय स्थापित कर तैयारी करने का आग्रह भी किया। उन्होंने सामान्य जोड़ों के साथ-साथ सम्मेलन में विवाह योग्य दिव्यांग युवक-युवतियों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिये। श्री यादव ने कहा कि सम्मेलन में विवाह करने वाले दिव्यांग जोड़ों के लिए रोजगार और स्वरोजगार का प्रबंध भी किया जायेगा।
कलेक्टर ने बैठक में सामूहिक विवाह सम्मेलन का ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने विवाह योग्य युवक-युवतियों को चिन्हित करने के साथ-साथ फार्म भरवाने और समय रहते सत्यापन का कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिये।
तुरंत मिलेगी योजना की राशि:
कलेक्टर ने बताया कि शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित किये जा रहे सामूहिक विवाह सम्मेलन में विवाह कराने वाले सभी जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत घर-गृहस्थी की सामग्री के लिए दी जाने वाली 48 हजार रूपये की उपहार राशि सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद उनके बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। श्री यादव ने कहा इसके लिए राशि आरक्षित कर दी गई है।
बैठक में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्रा, नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय आशीष दीक्षित एवं शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे।
