स्टार भास्कर डेस्क/जबलपुर@ कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर अभी सैनिक की तरह काम कर रहे हैं। जैसे सैनिक सरहद की हिफाजत के लिए बॉर्डर पर बिना थके, बिना रुके लगातार डटा रहता है, इसी तरह रोगियों की हिफाजत के लिए डॉक्टर अनवरत लगे हुए हैं।
जबलपुर के सुख सागर अस्पताल में भी डॉक्टर कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। इनमें से कुछ डॉक्टर तो एकदम युवा है। अपने परिवार से लंबे समय से दूर ये डॉक्टर घर की बात करने पर भावुक हो उठते हैं। ऐसे ही एक कोरोना योद्धा है जबलपुर ग्रामीण पाटन निवासी आयुष चिकित्सक डॉ. राशि अग्रवाल जो 15 अप्रैल से लगातार 54 दिन से जिले की सुख सागर हॉस्पिटल जबलपुर में कार्यरत है, अपने परिवार से दूर रहकर इस संकट की घड़ी में देश हित के लिए कोरोना महामारी के समय अपने फ़र्ज़ को निभा रही है।
डॉ. राशि ने बताया कि
“जब आप अपने घर वालों से बात करते हैं तो आपको भी डर होता है…आप अपने घर से दूर हैं, हो सकता है वो भी बीमार पड़ जाएं और आप इलाज करने नहीं जा पाएंगे, इस अपराधबोध को बर्दाश्त करना मुश्किल है।” मैं खुद को मजबूत रखने की कोशिश करती हूं…घरवाले हमें कॉल करते हैं, लेकिन वे कभी नहीं कहते हैं कि वापस आ जाओ…छोड़ दो इन सब चीजों को…क्या रखा है इसमें…जान सबसे पहले है…ऐसा कभी मैंने आज तक नहीं सुना है।
स्टार भास्कर न्यूज़ से बात करते हुए राशि ने कहा कि ये हमारे लिए चुनौतीपूर्ण समय है, कोरोना के रोगियों की संख्या रोज बढ़ रही है।ऐसे समय में हमें अपने परिवार के सपोर्ट की जरूरत है।