स्टार भास्कर डेस्क @ हमेशा अवार्ड के करीब रहने वाले सफल शोधार्थी, सफल लेखक व तीन रत्नों से सम्मानित डॉ. अर्जुन शुक्ला अपने पिता वन विभाग में कार्यरत नर्मदा प्रसाद शुक्ला के नाम “नर्मदा” को लेकर नर्मदा नगरी जबलपुर में नर्मदा पर शोध करते हुए आज युवाओ के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं । 29 वर्ष की उम्र में 100 अन्तर्राष्ट्रीय शोधपत्र व 96 शोध सारांश व 15 राष्ट्रीय विज्ञान पत्रिकाओ व 05 पुस्तकों में अपने शोध का प्रकाशन कर लगभग 200 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस, कार्यशाला एवं संगोष्ठी मे सहभागिता एवं 50 से ज्यादा अवार्ड व 20 फ़ेलोशिप सम्मान, 20 संस्थानों के आजीवन सदस्य, 10 अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थानों के सलाहकार समिति व संपादक मंडल व 10 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में आयोजक रहकर डॉ. अर्जुन ने एक नई मुकाम हासिल कर ली है । डॉ. अर्जुन बेन्थोस (कीट) द्वारा नर्मदा जल प्रदूषण नियंत्रण, गाजर, हल्दी एवं ब्लिस्टर बीटल्स से कैंसर के उपचार, पपीते, बकरी का दूध व गिलोय से डेंगू का उपचार, गेहूं से हो रही मध्य प्रदेश में सिलियक बीमारी पर शोध, धनिया से थायराइड का उपचार, अगरिया जनजाति की तकनिकी से बिना जंग लगने वाले लोहे पर शोध, वास्तु शास्त्र विज्ञान से डायबिटीज का उपचार व मध्य प्रदेश से सर्पों की पहचान एवं जहर का निवारण जैसे कई विषयों पर शोध करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित हो चुके है ।
एक दिशा अवार्ड की ओर
डॉ. अर्जुन को उत्तर प्रदेश में नर्मदा रत्न, राष्ट्रीय संस्थान विज्ञान अकादमी दिल्ली नेसा द्वारा जुनियर साइंटिस्ट ऑफ द इयर, थाईलैंड में इंटरनेशनल लाइफ टाइम बेस्ट रिसर्चर अवार्ड एवं अबू धावी द्वारा बेस्ट शोध पत्र सम्मान, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक सम्मान, उत्तर प्रदेश द्वारा पर्यावरणविद सम्मान, करेली द्वारा विज्ञान भूषण सम्मान, वर्ष 2017 का सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक सम्मान, दिल्ली द्वारा पर्यावरण श्री सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ विद्वान, गोदावरी अकादमी पर्यावरण युवा गौरव अवार्ड, वेस्ट रिसर्चर ऑफ द इयर, सुपर्ब पेर्फोर्मांस अवार्ड – अजमेर, ई.एस.डब्लू. एप्रिशियेसन अवार्ड, यूथ आइकॉन ऑफ़ इंडिया जैसे कई सम्मान प्राप्त हों चुके हैं । डॉ. अर्जुन ने नर्मदा : नदी नहीं सभ्यता नामक पुस्तक, जो वेद पुराणों के संगम पर आधारित है, का सफल लेखन कार्य कर संस्कारधानी के लोगो को नर्मदा की अमूल्य जानकारी मिल सके इस पर लेखन किये । इस पुस्तक ने नर्मदा की पवित्रता को और सार्थक कर दिया। नर्मदा का वैज्ञानिक संगम करती पुस्तक साइंटिफिक कांफ्लुएंस ऑफ़ रिवर नर्मदा, नवरात्रिस्मृति, नर्मदा स्मृति व साइंस फॉर पीपुल एंड पीपुल फॉर साइंस जैसी पुस्तकों का सफल लेखन भी किया ।