जबलपुर@ जिन्दगी प्यार का गीत हैं, तू इस तरह से मेरी जिन्दगी में, चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर, दिल के टुकडे टुकडे करके मुस्कुरा के, छोडो कल की बाते कल की बात पुरानी जैसे अस्सी एंव नब्बे के दशक में फिल्माय गये गीतो की प्रस्तुति ने लोगो के दिल को छू लेने एंव झूमने पर विवश कर दिया। मौका था शहर की संगीत के क्षेत्र में उभरती हुई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने वाली संस्था ˝नाॅस्टेलजिया˝ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ˝ दिल देके देखों ˝ में गायक कलाकारों की प्रस्तुति का। यह संस्था हर माह किसी एक संगीतज्ञ हस्ती पर आधारित एक कार्यक्रम करती है जिसमें शहर के चुनिंदा आर्केस्टा के साथ नगर की उभरती हुई प्रतिभाओं को जनता के सामने मंच से अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका प्रदान किया जाता है और इसके पूर्व उन्हे कार्यक्रम हेतू ऑडिशन के द्वारा प्रशिक्षित करके कार्यक्रम के अनुरूप तैयार किया जाता है पूर्व की भांति इस बार भी हाउसफुल कार्यक्रम की तेइसवी कडी में कल दिनांक 22 फरवरी शनिवार शहीद स्मारक प्रेक्षागृह में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में हिन्दी फिल्मी जगत की एक मात्र सुप्रसिद्ध महिला संगीत निर्देशक ऊषा खन्ना के द्वारा रचे गये कर्णप्रिय सुपरहिट गीतो को संकलित कर प्रस्तुति हुई जिन्होने अपने जीवनकाल में अनेक फिल्मों में संगीत देकर भारतीय फिल्म जगत में अनोखी छाप छोडकर अपने नग्मों से लोगों के दिलों पर राज किया उनके द्वारा निर्देशित गीतों को चिन्हीत करकें उनके चुनिन्दा गीतो की प्रस्तुति हुई। शहर के प्रसिद्ध ऑर्केस्ट्रा राजेश पिल्लई एंव साथी कलाकारो के द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई एंव कार्यक्रम का संचालन लखनऊ से पधारें सुप्रसिद्ध उद्घोषक के एल पाण्डे ने अपने चिर परिचित अंदाज में किया।
सुर एंव साज से सजे इस कार्यक्रम में शहीद स्मारक प्रेक्षा गृह में शहर के सभी प्रबुद्ध गणमान्य नागरिकों, संगीत प्रेमीयों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम का आनन्द लेकर करतल ध्वनी से नगर की प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में दिलीप मेहता, शेखर अग्रवाल, गोपाल असावा, पिंकी जैन, डी डी शर्मा, किरण सेठी, नन्दनी अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।