जबलपुर|29 दिसंबर 2017
मध्यप्रदेश के जबलपुर में जनपद अध्यक्ष और सीईओ के बीच का विवाद अब थम गया है। सीईओ बसंती दुबे के साथ अभद्रता मामला में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर महेश चंद्र चौधरी ने कुंडम जनपद अध्यक्ष आराधना महोबिया को पद से हटा दिया है। साथ ही उनके छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी है।इस मामले में सीईओ ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि जनपद अध्यक्ष को हटाया जाए और उनके पति पर कार्रवाई की जाए।मामले की जांच एसडीएम को सौंपी गई थी। कलेक्टर ने इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर जनपद अध्यक्ष को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि पद से पृथक होने के साथ ही बर्खास्त अध्यक्ष अन्य किसी भी पंचायत की सदस्य नहीं रह सकेंगी।कलेक्टर के आदेश के बाद ही जिले की राजनीति में सरगर्मियां तेज हो चली है।कलेक्टर के फैसले के बाद से ही बयानों का दौर शुरु हो गया है। गौरतलब है कि कुंडम सीईओ रह चुकी बासंती दुबे से अध्यक्ष के पति का विवाद हुआ था। अध्यक्ष पति पर सरकारी काम में बाधा डालने और सीईओ से दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे।इसके साथ ही महोबिया पर शासकीय दस्तावेजों को घर ले जाकर कई दिन रखे रहने की भी शिकायत पहुंची थी।लगातार उनकी अनियमिताओं के कारण लोगों को हो रही परेशानियों के चलते आए दिन शिकायते कलेक्टर के पास पहुंचती रही थी। इससे नाराज सभी जनपदों के सीईओ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की थी। कार्रवाई में जनपद पंचायत अध्यक्ष पर आरोप सिद्ध हुए। साथ ही यह बात भी निकलकर आई कि अध्यक्ष अपने पद का गलत इस्तेमाल कर सारे काम पति से करवाती है।शासकीय कामों में पति का हस्तक्षेप ज्यादा है।इससे पहले कुंडम सीईओ कार्यालय में अप्रैल 2016 को जनपद अध्यक्ष आराधना महोबिया के पति रवि महोबिया ने जमकर हंगामा किया था। इस दौरान सीईओ और अध्यक्ष पति के बीच जमकर कहासुनी भी हुई थी। सीईओ द्वारा की गई शिकायत में सारे आरोप सही है। इसलिए कलेक्टर ने कहा कि मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत आराधना महोबिया को जनपद पंचायत कुण्डम के अध्यक्ष पद से पृथक किया जाता है।इसमें सीईओ को कलेक्टर और शासन के द्वारा क्लीन चिट दी गई है।
